आघात - 15

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आघात डॉ. कविता त्यागी 15 समय अपनी गति से आगे बढ़ता रहा और पूजा के तीन वर्ष सुख-शान्ति से व्यतीत हो गये । वह अपना सारा समय अपने बेटे प्रियांश के कार्यों में व्यस्त रहते हए व्यतीत कर देती थी । इस अन्तराल में पूजा के साथ अपने मायके से पत्रों का आदान-प्रदान होता रहा, किन्तु उनमें सामान्य -औपचारिक कुशल-क्षेम की सूचना के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं होता था । इस समयान्तराल में पूजा अपने मायके में पाँच-छः बार मिलने के लिए भी आयी थी और उसने प्रत्येक बार यह ही बताया था कि अब घर की परिस्थितियाँ अपेक्षाकृत सामान्य