विवेक और 41 मिनिट - 11

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 11 जज सुंदर पांडियन का गुस्सा सातवें आसमान पर था उनके पास उनका लड़का गोकुलवासन, बहू सुभद्रा थे सामने डी. जी. पी. वैकुंड शर्मा “मिस्टर शर्मा............. ! मेरे ड्राइवर दुरैमाणिकम की बड़ी निर्दयता से हत्या हुए चार दिन हो गए हत्यारा कौन है उसे पकड़ नहीं पाने के कारण आपका डिपार्टमेन्ट परेशान हो रहा होगा विनोद कुमार के पिता जनार्दन ही इस हत्या के कर्ता धर्ता हैं मैं जो कह रहा हूँ उसका आधार है पर आप