कशिश - 9

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कशिश सीमा असीम (9) दोनों बेहद खुश थे और होना भी चाहिए आखिर ईश्वर ने उनकी प्रार्थना स्वीकार जो कर ली थी ! वैसे अगर सच्चे दिल से ईश्वर से जो भी मांगों वो जरूर मिलता है भले ही देर हो जाये ! पर उनको देर भी कहाँ हुई थी ! यार क्या सोच रही है पारुल ? तू सोचती बहुत है ! पारुल सिर्फ मुस्कुरा दी ! ये राघव भी न कभी आप कह कर बात करते हैं और कभी तू कहकर ! लेकिन जब वे तू कह कर बोलते है तब बहुत अपनापन सा महसूस होता है !