रिसते घाव (भाग-४)

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उस वक्त उम्र रही होगी राजीव की बीस की, जब सुरभि ने अपने बावीसवें बसंत में कदम रखते ही अपनी जिन्दगी का एक बेहद संजीदा फैसला लिया था । एक ब्राह्मण की लड़की किसी राजपूत के लड़के के साथ भाग गई तो पूरी बिरादरी में हड़कंप सा मच गया । ‘पण्डित रामप्रसाद शुक्ला की लड़की भाग गई ।’ बिरादरी में सम्मानजनक स्थान रखने वाले पण्डित रामप्रसाद शुक्ला अपनी बेटी के इस कदम की वजह से अपमान के कड़वे घूंट तो पी गए लेकिन फिर इस कड़वे घूंट से बने जहर की बूंदों से बेटी को फिर से घर दहलीज में ना लाने