मैं फ्री होकर बैठी ही थी कि एक महीन सी आवाज़ आयी... "मैडम..! मे आई गेट इन?" वह कॉमर्स की एक स्वीट सी छात्रा थी, मुझे नाम नहीं पता था, पर चेहरा पहचानती थी। "हाँ बेटा आ जाओ, बोलो क्या काम है?""आपसे बात करनी है, जरूरी और.... "उसने जरूरी शब्द चबाकर बोला और झुकी हुई आँखों ने पोल खोल दी कि समस्या गम्भीर और गोपनीय है।"बेटा खुल कर बोलो क्या प्रॉब्लम है, मैं क्या कर सकती हूँ तुम्हारे लिये?""मैडम मेरा नाम निकिता है और वो जो आपने उस दिन साइबर क्राइम एंड सिक्योरिटी पर लेक्चर के बाद कहा था