कशिश सीमा असीम (6) सुबह ही राघव से बात हुई थी मन पूरे दिन बड़ा खुश रहा था ! शाम को फिर उसका फोन आ गया ! कैसे हो आप ? अचानक से उसके मुंह से निकाल गया ! बढ़िया हूँ और तुम ? बिल्कुल आपकी ही तरह बढ़िया ! राघव उसकी बात सुनकर हंस पड़ा ! वो भी हंसने लगी ! अरे सुनो प