अक्लमंदी

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इन दिनों राधा को देसी उपचार के प्रचार प्रसार का भूत सवार है । वो बात बात पर देसी तरीके से होने वाले ईलाज की खूब तरफदारी करती है । चूर्ण बनाना, लेप लगाना, जड़ी बूटी पीस कर खाना सबको हर तकलीफ में यही सलाह देती है । रमन उसे समझाता कि आज समय पहले जैसा नही रहा विज्ञान की बदौलत ईलाज और जाँच के बेहतर तरीके विकसित हो गए हैं । हमे उनपर विश्वास करना चाहिये । इन बातों का उसपर कोई असर नही होता ,वो किसी भी जाँच के लिए तैयार नही होती ,जबकि कुछ तकलीफ़ें