( कहानी )* जिंदगी कैसी है पहेली * न चाहते हुए भी मेरी नजरें बारबार आकाश पर चली जा रही थीं | आज वह अकेले बेड पर पड़ा सामने दीवार को एकटक देख रहा था |इस तरह आकाश को मैंने कभी अकेले नहीं देखा ! छोटे शिशु की तरह उसके माता-पिता हमेशा उसे घेर कर रहते थे | क्या हुआ ..जो दोनों में से कोई नहीं हैं ?दिल धक्क से रह गया ! मन में अनगिनत विचार हिलोर मारने लगें -- "माँ-बाप का इकलौता बेटा, कैंसर के थर्ड स्टेज में यहाँ लाया गया था ! उसे गले का कैंसर था ...