'ज़ख्म और जहर जितना गेहरा होता है उतना ही जान लेवा भी होता है' ये बात कहानियों के जरिए शिवम् अपनी १२ साल की जुड़वा बेटीया मीरां और माहिरा को रोज़ एक अलग कहानी लिख कर सुनाता। शिवम् पेशे से लेखक था पारिवारिक जीवन में दो बेटियों का बाप और शरीफा का पति। शिवम् के पिता को एक सच्चे पत्रकार होने की सजा मिली थी, २००२ में हो रहे गुजरात के दंगो में कुछ तत्वों को संगीन जुर्म लिखने के तहेत कुछ नेताओं के भाड़े के ट्टूओ ने अपनी पत्नी के साथ मंदीर से लौटते समय बुरी तरह से पीटने