कशिश - 1

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कशिश सीमा असीम (1) गर न होते आँसू आँखों में खूबसूरत इतनी आँखें न होती गर होता न दर्द दिल में कीमत खुशी की पता न होती जीवन में आगे आने की चाहत न होती गर होता मन में सकूँ औ करार वक़्त ने हमको क्या दिया क्या नहीं कभी रब से कोई शिकायत न होती हवाई जहाज ने दिल्ली शहर के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से चेन्नई की ओर उडान भरी तो पारुल को लगा, हम सच हैं बिल्कुल सच और हमारा प्यार भी एकदम सच्चा है तभी तो हम हमेशा क्षितिज पर ही मिलते हैं ! उसने पास में बैठे राघव का