हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (1) शुभम अपार्टमेंट्स के कम्पाउण्ड में हमेशा कोई ना कोई रहता है और कुछ नहीं तो ऊँघता सा चौकीदार ही अपने केबिन में बैठा बाहर झांकता रहता है. उस दिन तो बिल्डिंग में भीमा शाह की बेटी की शादी थी. सुबह ही सबकी कारें बाहर पार्क करवा कर टेंट लगाकर, कुर्सियां लगाकर, मंडप बना दिया गया था. कोने वाली मेज़ पर वर व वधू पक्ष के एक एक रिश्तेदार अपना कागज व पेन लेकर चांदला [शादी की भेंट के रुपये या गिफ़्टस ] लेने के लिए बैठे थे, उधर मंडप में शादी की रस्मे चल