में और मेरे अहसास - 2

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में और मेरे अहसास भाग २ खुद को खुद की कबर मे देखता हूं lफिर मे तेरी नजर में देखता हूं ll *** एक लम्हा तो गुजरता नहीं lलोग कैसे सदियों इतजार करते हैं ll *** रिसता दिल काहोना चाहिए नाकि मजबूरी का l प्यार दिल सेहोना चाहिए नाकि मजबूरी से ll *** ढूढ़ना है तोअंदर ढूढ़बाहर कुछना मिलेगा l *** खामोशी में शोर छुपा होता है lमौन में भी शोर छुपा होता है ll *** ढूंढना नहीं चाहते उसे फिर ।से मिलने की उम्मीद नहीं करते ll *** दर्द देने वाले अपने ही होते हैं lबेगानों को परवाह भी