भदूकड़ा - 3

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छुट्टी के बाद जब दोनों लड़कियां घर पहुंचतीं, तो कुंती घर के दरवाज़े पर पहुंचते ही सुबकना शुरु कर देती, जो भीतर पहुंचते-पहुंचते रुदन में तब्दील हो जाता. आंखों से आंसू भी धारोंधार बह रहे होते. रो-रो के मां को बताया जाता कि ’बहन जी’ ने आज सुमित्रा की ज़रा सी ग़लती (!) पर कितनी बेरहमी से पिटाई की और इस पिटाई से कुंती को कितनी तकलीफ़ हुई. कुंती हिचक-हिचक के पूरी बात बता रही होती और सुमित्रा अवाक हो उसका मुंह देखती रह जाती! कुंती की ये हरकत सुमित्रा को दोतरफा दंड दिलाती. एक तो स्कूल में, दूसरी डांट