राय साहब की चौथी बेटी प्रबोध कुमार गोविल 1 कॉलेज की पूरी इमारत जगमगा रही थी। ईंटों से बनी बाउंड्री वॉल को रंगीन अबरियों और पन्नियों से सजाया गया था। आज इस पर पांव लटका कर लड़के बैठे हुए बेसिरपैर की बातें नहीं कर रहे थे, बल्कि लड़के तो सज- संवर कर भीतर पंडाल में थे और बाउंड्री पर जगह- जगह फूलों के गुलदस्ते खिलखिला रहे थे। गोल गेट की शोभा अलग ही निराली थी, जिस पर शफ़्फ़ाक कपड़ों में सजे- धजे चंद लोग मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए खड़े थे। मुख्य अतिथि माने चीफ़ गेस्ट! ये आपको बताना