मुहब्बत ज़िंदाबाद!

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मुहब्बत ज़िंदाबाद! राजकुमार सोनी के लिए कैलाश बनवासी कहानी शुरू हो इससे पहले ये तफ़सील ज़रूरी है... पिछले दस बरसों में जितना बदला है यह देश उतना शायद कभी नहीं। बदलाव एक प्रक्रिया है, चलती रहती है, चलती रहनी चाहिए। लेकिन इन सालों में देश ने जो छलांग लगाई है वह अभूतपूर्व है-इसे ही उŸार-आधुनिक स्थिति बता रहे हैं उŸार-आधुनिक चिंतक। महानगरीय संस्कृति अब सिर्फ़ महानगरों की बपौती नहीं रही, वह तमाम गाँवों-क़स्बों तक फैल चुकी है-वाया मीडिया और वाया भूमंडलीकरण, उदारीकरण, बाज़ारीकरण। सिर्फ़ टीवी या अख़बार रंगीन नहीं हुए, उनकी रंगीनी भारतवर्ष में चहुँ ओर बरसने लगी है-नए लोग,