नगर ढिंढोरा

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बारह बजने मे सिर्फ सात मिनट बाकी थे ,ज़्यादातर घरों की बिजलियाँ बंद थीं लेकिन कुछ थे जो अब भी अपने बच्चों को मोबाइल जब्त करने की धम्की दे कर सुलाने का अथक प्रयास कर रहे थे । यही वो समय होता हे जब संसार सो जाने का बहाना बना कर अपने-अपने मोबाइलों और लपटापों की छोटी छोटी खिड़कियों से ताक झांक करने मे व्यस्त होता है । एलेक्ट्रोनिक उपकरणों कि रोशनी ने सूरज को उसकी गोणता का एहसास दिला दिया है । अब तो अंधेरा तभी छाता है जब मोबाइल एकाएक लो बेटरी का साइन दिखाने लगे और चार्जर