मर्यादा की अर्थी

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मर्यादा की अर्थी जमीला ने जैसे हमेशा के लिए ही चारपाई पकड़ ली थी, सलीम जो भी कमाकर लाता सब उसकी दवा चिकित्सा पर ही खर्च हो जाता। रिहाना बारह वर्ष की हुई थी, स्कूल जाती व घर पर माँ की देखभाल के साथ साथ घर का भी सारा काम देखती, सलीम तो रात को आठ नौ बजे तक ही घर लौटता था। पूरे दिन काम करके थका हुआ सलीम थोड़ी देर पत्नी जमीला के पास बैठता, उसका हाल जानता तब तक रिहाना वहीं पर खाना लगाकर ले आती। सलीम बड़े प्यार से एक एक कौर दोनों को खिलाता और