नारीयोत्तम नैना - 4

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नारीयोत्तम नैना भाग-4 "लेकिन तुम्हारी सफलता में रक्षंदा का हाथ है इससे तुम इंकर नहीं कर सकते।" नूतन बोली। "निश्चित ही मैं आज जो कुछ भी हूं वह रक्षंदा की बदौलत हूं। और इससे मुझे इंकार भी नहीं है।" अजीत बोला। "फिर तुम रक्षंदा से शादी क्यों नहीं करना चाहते? क्या तुम इससे अब प्रेम नहीं करते? " नैना ने पुछा। "नहीं दी! मैं रक्षंदा से अब भी उतना ही प्रेमत करता हूं जितना कल करता था। मगर अब परिस्थितियां बदल गई है।" अजीत बोला। "तुम बहुत धनवान बन गये हो क्या इसलिए या कोई दुसरी लड़की मिल गयी है