मुख़बिर - 18

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मुख़बिर राजनारायण बोहरे (18) बीहड़ पुलिस आये दिन उन दोनों से पूछने-ताछने आ धमकती । वे दोनों क्या बताते ! पुलिस हाथ मलती रह जाती । उन चारों के फ़रार होने की खबर सुनके गांव में सबसे ज्यादा हिकमतसिंह को डर गया । उसने अपने घर पर लठैतों की फौज बिठा ली । महीना भर तक जब कोई वारदात नहीं हुई तो गांव के लोगों ने यह कहके अपने मनको समझा लिया कि वे लोग बागी नहीं बने बल्कि इतनी बेइज़्ज़ती के होने से लाज-शरम की वजह से वे लोग कहीं अंत गांव में जाकर रहने लगे हैं । लेकिन