उसकी खुशबू सुधा ओम ढींगरा ऑफ़िस की लॉबी के कोने में पड़े कॉफ़ी पॉट से हर दो घंटे बाद कॉफ़ी लेने जाना और उससे बतियाना उसे बहुत अच्छा लगता.... वह ऐसा नहीं था। लड़कियों से बात करने में झिझकता था। शायद उसकी शर्मीली प्रवृत्ति हमेशा आड़े आती थी। अब उसे क्या हो गया है.....वह स्वयं हैरान है। वह हर समय बेचैन रहने लगा है। उससे बात करने के बहाने ढूँढ़ता है.......। अमेरिकंज़ के गोरे रंग का वह अक्सर उपहास उड़ाता हुए कहता-'गोरा रंग इनके भद्दे नैन-नक़्श छुपा जाता है। पता नहीं लोग गोरी लड़कियों पर क्यों मरते हैं, असली सुन्दरता