अमर प्रेम - 13

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अमर प्रेम (13) इतने में अंजलि दूध का गिलास लिए कमरे में आती है और राहुल को देते हुए कहती है क्या हुआ तुम अब भी वही सोच रहे हो ? चिंता मत करो राहुल मैं कोई बच्ची नहीं हूँ। मैं अपना खयाल खुद रख सकती हूँ, तुम्हें मेरी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं इसलिए अब तुम दूध पियो और शांति से सो जाओ बहुत रात हो चुकी है फिर कल सुबह मुझे ऑफिस भी जाना है। कहते हुए वह सो जाती है। उस रात की घटना ने अंजलि के मन पर कोई असर नहीं डाला था। उसके के