बिन फेरे आनंद के उन पलों में प्रकाश सब कुछ भूलकर पूरी तरह खोया हुआ था कि तभी मानसी ने प्रकाश को अपनी कोमल बाहों में कसकर अपने शरीर से चिपकाते हुए अपना मुंह कान के पास ले जाकर धीरे से पूछ लिया, “प्रकाश हम एक दूसरे से अथाह प्रेम करते हैं, एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते फिर हम कब तक इस बिना शादी वाले बंधन में बंधे रहेंगे, जब हम दोनों को जीवन भर साथ ही रहना है तो अब हम शादी क्यों नहीं कर लेते, हमारा ये बिन फेरे वाला संबंध कानूनी मान्य हो सकता