मेट्रो गर्ल

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मेट्रो गर्ल आर0 के लाल उस दिन मेट्रो में बहुत भीड़ थी। राघव किसी तरह मेट्रो में चढ़ा और धीरे-धीरे जगह बनाता हुआ एक साइड में खड़ा हो गया । कहीं कोई जगह नहीं थी, महिलाएं भी धक्का-मुक्की कर रही थीं। एक सीनियर सिटिज़न साहब, जिन्हें शायद एक दो स्टेशन आगे ही उतरना था, बार-बार लोगों से अनुरोध कर रहे थे कि उन्हें रास्ता दे दें जिससे वह गेट के पास जा सकें मगर कोई उनकी सुन नहीं रहा था। अगले स्टेशन पर भी भीड़ का रेला आया जिसमें सब एक दूसरे के ऊपर चढ़ने को आमादा थे।