अधूरी हवस - 13

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(13) राज : ठीक थोड़ी देर चाय कॉफी पीके बाद मे निकलेंगे मिताली : थक गए होंगे ना? राज : नहीं तो मुजे आदत है, तो कोई फर्क़ नहीं पड़ता. वेसे भी रास्ता अच्छा है तो पता नहीं चलाता. मिताली : हा तो खामखा हीरो गिरी झाड़ने मे मत रहना रास्ता अच्छा हे तो कर लिमिट मे चलाना, हा तो पता हें मुजे आप कितना तेज चलाते हैं हो इसीलिए मे कहीं भागे नहीं जा रही, यही पर हू इसी लिए बोल रही हू, जरा आकाश भैय्या को फोन दीजिए, राज : क्यू क्या काम हे? मिताली : आप दीजिए