अधूरी हवस - 12

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(12) वास्तविक प्रेम कर पाना बहुत कठिन होता है जब आप दूसरी बार प्रयास कर रहे हो...! या यूं कहूं असंभव... *********************************** मिताली अपने गाव पहूँच जाती है, जेसे ही घर पर पहुँचती है, पहेले कॉल राज को ही करती है. मिताली : पहुच गई हू ठीक से. राज : ठीक है आराम करो सफर मे थक चुकी होगी. मिताली : हा बहोत ही वेसे तो स्लीपर थी पर नीद पूरी नहीं हुई. राज : क्यू नहीं हुई? मिताली : आपकी वजह से. राज : मेरी वजह से केसे? मेंने अब क्या किया? मिताली : सब आपका ही तो किया