कुमकुम बिंदी कंगना

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यह कहानी 25 सितंबर 2019 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है। कुमकुम बिंदी कंगना “ओह सोहा यार, मुझे तेरी आवाज़ सुन कर भी यकीन नहीं हो रहा कि मैं तुझसे बात कर रही हूँ। तू और शिकागो में........,” मांही ने अपनी कालेज के जमाने की बेस्टी सोहा से कहा। “हाँ यार, मेरे बहन बहनोई यहाँ हैं। उनसे ही मिलने आई थी। तू तो सुना शादी के बाद से ही यहाँ है। यहाँ आने से एक दिन पहले आरित ने मुझे तेरे बारे में बताया कि तू तो यहाँ सेटल्ड है। उसी से मुझे तेरा फोन