दीपावली की छुट्टियां होते ही माला हर साल की तरह इस साल भी मायके जाने की तैयारी कर रही थी। करीब सारी तैयारी हो गई थी। वो आखिरी बैग जिसमें खाना और पानी आदि रास्ते में काम आने वाली वस्तुएं रखनी थी वो भी तैयार हो गया। अब बस मयंक के आने की देरी थी। माला के दोनों बच्चे सोनल और गौरव का मूड खराब था। दोनों को हर साल की तरह बार बार एक ही जगह जाना पसंद नहीं था। तभी मयंक भी आ जाता है, और दोनों बच्चों के मूड को देख पूछता है मयंक :- क्या बात