फोन को डिसकनेक्ट कर वह आरती के बगल में बैठ जाता है।माथे पर पसीने की बूंद उभर आती है।टेंशन में आरती के हाथ पर दबाव डालने लगता है।दर्द से आरती कराह उठती है और विवेक को बोलती है.."विवेक!ऐसे हाथ क्यों दबा रहे हो क्या हुआ तुम्हें?""वो.. फोन!"वह जवाब देता है।" फोन!...फोन क्या विवेक?""अभी फोन आया था उसका।""किसका फोन!क्या बोल रहे हो ठीक से बताओ।""विशू का।"विवेक ने अटकते हुए कहा।"विशू!विवेक दिमाग खराब है क्या।क्या अनापशनाप बोल रहे हो।""मैं सच कह रहा हूं विश्वास करो।""कूल डाउन विवेक।बहुत समय से यह सब झेल रहे हो आप ऐसा भ्रम हो जाता है रिलैक्स।"आरती उसे