अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - 8

  • 7.1k
  • 2.7k

पिछले भाग से-"लगता है, वे हमारी बलि चढ़ाने ले जारहे हैं।" गेरिक ने कहा।"तुम सही कह रहे हो मित्र," मैंने कहा, "लगता है, हमारे विदाई की बेला आ चुकी है।अब आगे पढ़ें...आठवां भागअज्ञात भविष्य की यात्राअभी हम इस प्रकार से विचार कर ही रहे थे कि उन लोगों ने हमे दो अलग अलग चट्टानो पर रख दिया और हमारे हाथ पैर जिन रस्सियों से बंधे थे उनके दूसरे लम्बे सिरों को अलग अलग पेड़ से बांध दिया और दो सैनिक वहां पहरा देने लगे।वह कोई सूना समुद्रि तट नही था, यहां बहुत ही चहल पहल थी। कई छोटे बच्चे और