शिवानी का टुनटुनवा

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शिवानी आज सुबह से मन ही मन बहुत खुश थी। रात को अच्छे से नींद भी नहीं आयी फिर भी एक दम तरो-ताज़ा लग रही थी। पूजा पाठ में भी मन नहीं लग रहा था। बार -बार ध्यान अपने कमरे में रखे हुए बॉक्स पर जा रहा था जो उसके पति ने गिफ्ट दिया था। रोज़ स्कूल जाने की जल्दी में वह पूजा -पाठ में समय दे नहीं पाती इसलिए रविवार को आराम से बैठ कर अपने प्रभु की सेवा करती है। लेकिन आज वह इसमें भी ध्यान नहीं लगा पा रही थी सो बस अपने प्रभु से माफ़ी मांग कर एक दो घंटी की आवाज़ सुना कर जल्दी से खड़ी होगई।