गुमशुदा की तलाश (25)कमरे में छत से एक बल्ब लटक रहा था। उस पर लगे शेड के कारण फर्श पर दूधिया रौशनी का एक गोला बना था। उस गोले में दो रिवाल्विंग कुर्सियों पर सरवर खान और रॉकी आमने सामने बैठे थे। रॉकी अपनी आँखे उन पर जमाए हुए था। सरवर खान उसकी उन गहरी काली आँखों के सम्मोहन में नहीं फंसना चाहते थे। इसलिए वह सीधे उसकी आँखों में नहीं देख रहे थे।"उम्मीद है खान साहब....आपको हमारी मेहमान नवाज़ी