कहानी- "तारा की बलि" यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है, हलाकि पात्र, स्थान व समय काल्पनिक है परन्तु कथावस्तु सही है|यह कहानी ऐसे समाज का आइना दिखा रही है जिसमें औरत को पूज्य तो माना है लेकिन उसे सम्मानित करने की कोशिश न कर सका |माना है तो सिर्फ त्याग,बलिदानऔर सहनशीलता की देवी के रूप में ताकि समाज की कुरीतियों और दरिन्दगी की होली पर आसानी से झोका जा सके| समानता के हक से बहुत दूर| तारा मध्यम परिवार में जन्मी बालिका है | परिवार में मॉ,बाप, दो बडे भाई है, तारा अकेली