पहली बार ईशा को कॉलेज के फ्रेशर्स पर गाते हुए देखकर उसके चेहरे को तो कम ही देखा पर उसके गाने को सुनकर लगा कि इस आवाज़ को हमेशा ज़िन्दगी भर सुनना चाहता है। फर्स्ट ईयर की अंग्रेजी स्नातक की छात्रा ईशा से बातचीत करना उतना आसान नहीं था। जितना कि सुमित समझ रहा था। वह उसे देखती भी नहीं थी। वह सिर्फ अपनी क्लॉस के लड़कों से ही बात करती थी। कॉलेज के बाद सीधे घर चली जाती। कॉलेज कैंटीन में भी कम नज़र आती थी। एक दिन ईशा की स्कूटी ख़राब हो गई और सुमित अपनी बाइक लेकर