आखिर क्यों

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रवि के स्कूटर की आवाज़ दूर से ही काजल ने पहचान ली थी । पूरे घर में अकेली वही बची थी जो अब तक जागकर अपने पति का इन्तज़ार कर रही थी । सभी खाना खाकर अपने-अपने कमरेां में सोने चले गये थे । आज शनिवार था सो वह दो बजे वाली बस पकड़ कर चार बजे ही आ गई थी । आकर सिवाय रवि के इन्तज़ार के कुछ नहीं किया था । उसके स्कूल की छुट्टी के बाद से ही बूंदा-बांदी पूरे रास्ते भर होती रही । अब भी बंूदा-बांदी का दौर जारी था । मौसम में ठण्डक और बाहर सड़क पर अंधेरा पसरा पड़ा था ।