चुड़ैल वाला मोड़ - 3

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संकेत की आँखें बंद ही थीं अभी, रात का सारा वाकया उसकी बंद आँखों में एक फिल्म की तरह चल रहा था और साथ ही एक ख्याल भी कि क्या ये सब एक सपना था ! "पर इतनी हकीकत सी क्यों थी इस सपने में ?" यही सब सोचते हुए संकेत ने आँखें खोल दीं । एक पल के लिए तो कुछ समझ नहीं आया पर फिर आस पास लगी मशीनों, हरे पर्दों, हलके नीले रंग की पोशाकों में ऊपर एक सफ़ेद कोट पहने घूमते फिरते लोगों को देख कर समझते देर न लगी कि वो अस्पताल में है और