शीशा नीचा होते ही लड़की ने सर भीतर की ओर डाल दिया और कुछ पलों के लिए भीतर मुआयना सा करने लगी | संकेत सहमा सा ड्राईवर सीट पर चिपका हुआ था, बोलने की लाख कोशिशों के बाद भी शब्द लगता था जम से गए थे | लड़की ने भी कुछ बोलने की कोशिश की पर कोई शब्द फूट ही नहीं रहा था | रात इतनी घनी थी कि सूरतें देखने का एक मात्र जरिया कार की छत पर लगी लाइट ही थी | इससे पहले कि वो लाइट बुझ पाती संकेत ने बटन को दाई तरफ पुश कर दिया