गुमशुदा की तलाश (13)सरवर खान बिपिन की बात करते हुए अरुण के चेहरे पर आने वाले कृतज्ञता के भाव को परख रहे थे। अरुण नम आँखों के साथ बोला।"सर आज अगर मैं दूसरों की मदद करने के लायक बना हूँ तो बिपिन भाई के कारण। यदि वह सही समय पर मेरी सहायता के लिए ना आए होते तो मैं नशे और अवसाद के भंवर में डूब गया होता।""मैं समझता हूँ अरुण। बिपिन सचमुच तुम्हारे लिए एक फरिश्ता बन कर आया।