HELMET - 2

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उस बच्चे का रोना भी बडा अजीब सा था .मानो जैसे कोई बहुत ददँ में हो और रो रहा हो,इस बात ने कबीर को अंदर तक हिला के रख दिया. कबीर को पता हीं नहीं चल रहा था की आवाज़ कहा से आ रही हैं, कयुं की आवाज़ चारो तरफ से आ रहीं थी. कबीर पसीना-पसीना हो जाता हैं पर बच्चे का कोई पता नहीं चलता. तब वो पुलिस को फोन करके पुरी accident की घटना का जिक्र करना जरूरी समझता हैं. और जेब से अपना फोन निकालता हैं. जैसे हीं कोल लगाता हैं तब उसे पता