गोस्वामी जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं कि हनुमान जी महाराज शंकर सुवन हैं; केसरी नंदन हैं; अंजनी के पुत्र हैं ;और पवन सुत हैं, जिन्हें इन सभी नामों से पुकारा जाता है । वे अतुलित बल के धाम है अर्थात उनकी शक्ति का आकलन नही किया जा सकता । देखा जाय तो आज के समय मे हम जैसों का हनुमान जी महाराज के बारे में लिखना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। पर कथाओं के अध्ययन से जितनी समझ विकसित हो उतना तो कहना ही चाहिये,ताकि उनकी रहस्यमयी लीला को उन