सैलाब - 19

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उस दिन शाम को सेजल बिंदु से मिलने गई। जब वह बिंदु के घर पहुँची तब विनिता सूखे कपड़े धूप से निकाल रही थी। हाय आंटी। कैसी हैं आप? आवाज़ सुनकर विनीता ने पीछे मुड़ कर देखा। उसके सामने सेजल खड़ी थी। अरे सेजल तुम कब आई? कैसी हो? आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ कर अंदर बुलाया। हाँ आंटी ठीक हूँ। आप कैसी है? बिलकुल बढ़िया हूँ। आओ अंदर। तुम्हारी मम्मी तो हमेशा तुम्हारी बहुत फिक्र करती रहती है।