दीप शिखा - 6

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एक दिन रामेशन आया ‘उसकी तबियत ठीक नहीं है ऐसा लगता है उसका इस तरह चिल्लाना, पुकारना, रोना, डॉक्टर हिस्टीरिया बोल रहे हैं....... उसका चेहरा कुम्हलाया हुआ था कितनी आशा थी कैसे कैसे सपने देखे थे कि प्यारी पत्नी हो, प्यारे बच्चे हों ! प्रेम शांति से गृहस्थ जीवन चले दोनों आँखों से एक दृष्टि जैसे पति-पत्नी कष्ट में सुख में मिलकर रहें बीज जैसे पेड़ होता है वैसे ही धीरे-धीरे आगे बढ़कर परिपक्व होकर दोनों अधेड़ अवस्था में पहुंचेंगे ऐसा सोचा और अपेक्षा की इसमें कोई गलती की क्या ? हर समय घृणा, विरोध.... उसके बच्चे को यामिनी एक बीमारी जैसे देख रही थी । उसमें प्रेम, प्यार मिठास था ही नहीं कितना दुर्भाग्य है उसका ’