गीता आ गई। पूरा घर एक ही क्षण में प्रसन्नता व खुशियों से भर गया। घर के अन्दर घुसते ही उत्साह से उछलते हुए अम्मा! चिल्लाते हुए भागकर आकर उसके गले मिली तो बुढ़िया का हृदय खुशियों से भर गया। हे भगवान चलो मेरी बच्ची पहले जैसी ही है! मेरा डर बेकार था। बड़े शान्ति से दीर्घ श्वास छोड़ते हुए स्नेह प्यार से अपने कठोर अंगुलियों से उसके कोमल चेहरे को सहलाने लगी। एक महीना ही हुआ था उससे अलग होकर कई युग बीत गए ऐसा लग रहा था! ‘‘आजा मेरी रानी बिटिया! तेरे बिना मेरा घर सूना हो गया था।