मीत न मिला रे मन का

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"सुन जल्दी से आजा, कोई खास मेहमान आए हैं.." तृषा का फोन आया और मैं दस मिनट में गाड़ी में थी. मुझे तैयार होने में कम से कम बीस मिनट लगते हैं, किन्तु तृषा के शब्दों से झाँकती खुशी मुझे मेकअप का समय भी नहीं दे रही थी. मेरे और उसके घर में आधे घण्टे की दूरी है... किन्तु दिल में सेकंड के हजारवें हिस्से जितनी भी नहीं. इस आधे घण्टे के सफर में मेरा दिल कितने ही बीते सालों की यात्रा पर चल पड़ा...."हेलो! आई एम तृषा..." कॉलेज के पहले दिन उसने परिचय के