भय और आडम्बर का प्रचार - मर गया वह पत्थरदिल इंशान - 2 - 6

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Part-6पत्थर न पूजने से शायद ही हमारा कोई नुकसान हो लेकिन अगर प्रकृति नष्ट हुई तो हमारा अस्तित्व ही नही रहेगा । मतलब कि ईश्वर का अस्तित्व भी तब तक ही है जब तक मनुष्य का । ईश्वर अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य को जिंदा रखेगा यह सब इस प्रकृति से ही सम्भव है । तब मुझे एक जवाब मिला कि ईश्वर कोई पत्थर नही यह प्रकृति ही वास्तविक ईश्वर है ।इसी में हमारे हर प्रश्न का जवाब है , हमारी हर समस्या का हल है , हर रोग की दवा है , हर कष्ट का निवारण है । हम