खुशियों की आहट - 9

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अगले दिन शनिवार था. स्कूल से वापिस आते हुए मोहित सोच रहा था मैथ्स का टैस्ट तो उसका अच्छा नहीं हुआ था, पर हिन्दी के टैस्ट में अच्छे नम्बर लाने ही हैं. पिछले सोमवार को हुए मैथ्स के टैस्ट के नम्बर उसे आज पता चल गए थे. दस में से सिर्फ़ पाँच अंक ही आए थे उसके. 'मम्मी-पापा को कैसे बता पाएगा वह कि इतने कम माक्र्स (अंक) आए हैं इस बार'- यही बात उसके मन में बार-बार आ रही थी. 'मगर कुछ भी हो, हिन्दी के टैस्ट के लिए वह बहुत मेहनत करेगा और अच्छे मार्क्स लेकर ही दिखाएगा.'