मन्नू की वह एक रात - 20

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‘तब तो तुम दोनों के संबंध और भी ज़्यादा उन्मुक्त और निर्द्वंद्व हो गए होंगे।’ ‘हां ..... ।’ ‘तो जब वह तुम दोनों का सहारा भी बन रहा था तब तो तुम्हारे लिए यह दोहरा फ़ायदा था कि कोई कभी शक भी न करता, तो फिर दूसरा लड़का क्यों गोद लिया।’ ‘एक तो मैं छोटा बच्चा गोद लेना चाहती थी। दूसरे चीनू से जो रिश्ता बन पड़ा था उसे देखते हुए यह संभव ही न था।’ ‘हां ये तो है। फिर ...... ?’