मनचाहा - 33

(38)
  • 7.6k
  • 5
  • 4.1k

घूमते घूमते हम थिएटर पौने तीन बजे पहुंचे। मेरा प्लास्टर वाला पैर देखकर सब मुझे ही देखे जा रहे थे। मैंने निशु से कहा- यार ये सब लोग मुझे ही देख रहे है। निशु- देखने दे, हमें यहां मूवी देखनी है ना के सब के चेहरे। तु बिंदास घूम ना।? मै- तु भी सही है पर मुझे कहीं बिठा ले अब पैर में दर्द हो रहा है। रवि भाई- अब शो का टाइम हो ही गया है तो अंदर ही चलते है। जैसे तैसे में ऊपर चढ रही थी तो अवि ने आगे आकर मुझे अपने हाथों से उठा लिया