खट्टी मीठी यादों का मेला - 3

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(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं, और पुराना जीवन याद करने लगती हैं कि कैसे वे चौदह बरस की उम्र में शादी कर इस घर में आई थीं.. दादी सास, सास-ससुर, ननदों से भरा पूरा घर था. उनकी भी चार बेटियाँ और दो बेटे पूरा घर गुलज़ार किए रहते. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की सम्मति लिए बगैर तय कर दी थी. )