दिल्ली की सुबह जब बारिश से शुरू होती है तो न जाने क्यों मुझे ” माण्डू” बहुत याद आता है । शायद इसलिए कि वहां की बारिश बहुत ही रूमानी थी। जहाजमहल से जब सब तरफ नजर जाती है तो हरियाली, धुंध और बारिश की खुशबू जैसे पूरे माहौल को आपके जहन में इस तरह बसा देती है कि हर बारिश में वही होने का भ्रम होता है । पर सच तो सच है कहाँ दिल्ली का शोर और कहां वह अतीत से लिपटा हुआ रूमानी माहौल।