अदृश्य हमसफ़र - 27

(7.9k)
  • 9.3k
  • 1
  • 3.2k

दोनो ही काफी देर तक एक दूसरे के गले लगी खड़ी रही। अंततः ममता ने ही देविका को खुद से अलग कर जाकर सोने को कहा। ममता- देविका जाकर सो जाओ। सुबह भी तो जल्दी उठने की आदत है तुम्हें। देखो नींद से आंखे भी बोझिल होने लगी हैं।